उसने कहामैं सोना चाहता हूँबंद करो सारे दरवाजेखिड़की, रोशनदान तक ढक दोपरदे सेइतना अँधेरा करो की मेरी परछाईं तक न दिखेमैं सोना चाहता हूँइस कदर सन्नाटे में कि तुम्हारी साँसों कीआवाजाही तक सुनाई न देमैं सोना चाहता हूँइस गहन विसाद के क्षण मेंजब हर आवाज कंठ में घुटी हैमाएँ दहली हैंभेज कर बेटों को पढ़नेऊँची […]
Sony Pandey
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रात की दवात में
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राजा रोता बहुत है
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मेरे साथ चलते हुए
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नौकरी पर जाती हुई औरतें
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प्रेम करती औरतें
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मृत्यु-गंध
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नदी थक चुकी है
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