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शालिग्राम

अब मैं शालिग्राम होता जा रहा था और पिता जो सचमुच शालिग्राम थे, उनके हाथ-पैर निकल आए थे। यह एक झूठ था और कहते हैं कि झूठ के पैर नहीं होते। लेकिन मुझे लगता है कि झूठ के हाथ-पैर, नाक-कान, मुँह कुछ भी नहीं होता। वह एक लोंदे की तरह होता है। सिर्फ पेट भरने […]