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नौका

यात्रा मेंदीखती हो तुम,नहीं सुनाई देती तुम्हारी आवाज। गलही-विनिवेशितविषुवतीय वायुकर लेती है अधिकारऔर बहती रहती है निरंतर। हमेशा अथक रहने वालीसामुद्रिक चिड़ियाएँ हैं,फासले नापने कोजमीन नहीं है चारों ओर। सिर्फ एक समुद्र हैऔर चमचमाते चाकुओं सीउड़ती मछलियाँ। सिर्फ एक समुद्र हैऔर हर रोमरंध्र मेंअंगारे दहकातासूर्य का लंगर। सिर्फ एक समुद्र है,फासले नापने कोजमीन नहीं है […]