बिटिया पार करेगी खे के!

बिटिया पार करेगी खे के!

माई मनसा-दीप जला कररोज शिवाले मत्था टेकेबिटिया झींक रही पीछे से‘क्या पाती है.. तन-मन दे के?’ मगर नहीं वह माँ से पूछेलाभ उसे क्या आखिर इसका?आँख मूँद जो गुनती रहती“वंश-बाँस पर वश है किसका?शैलसुता-से पाँव सहज होंजागे भाग करम के छेके…!” जुड़ते हाथ अगर मंदिर मेंताली बजती क्यों गाली परसिद्धिरात्रि ने खोला खुद कोमौन सभी … Read more

नए साल की धूप

नए साल की धूप

आँखों के गमलों मेंगेंदे आने को हैंनए साल की धूप तनिकतुम लेते आना… ये आए तबप्रीत पलों में जब करवट हैधुआँ भरा है अहसासों मेंगुम आहट हैफिर भी देखोएक झिझकती कोशिश तो की!भले अधिक मत खुलना तुमपर कुछ सुन जाना। संवादों मेंयहाँ-वहाँ की;  मौसम;  नारेनिभते हैं टेबुल-मैनर मेंरिश्ते सारेरोशनदानी कहाँ कभीएसी-कमरों में?बिजली गुल है,खिड़की-पल्ले तनिक … Read more

टुकड़े-टुकड़े छितरी धूप

टुकड़े-टुकड़े छितरी धूप

साढ़े सात बजे कमरे मेंटुकड़े-टुकड़े छितरी धूप!! सुबह हुई अलार्म बजे से‘जमा करो पानी’ का जोरइधर बनाना टिफिन सुबह काउधर खाँसते नल का शोरदो घंटे के इस ’बादल’ सेकरना वर्तन सरवर-कूप! लटका टूटा कान लिए कपबुझा रही गौरइया प्यासवहीं पुराने टब में पसरेमनीप्लांट में जिंदा आसडबर-डबर-सी आँखों में हैबालकनी का मनहर रूप! एक सुबह से … Read more