आँख हैंसपनेहमेशा पास रखना। चुप्पियोंखामोशिओंके बीच बोलेंगेऔरबीहड़ रास्तों मेंसाथ हो लेंगेरोशनी देंगेअँधेरों को –तनिक विश्वास रखना। टूटते हैंटूटकर फिरजन्म लेते हैंबंजरों कोजिंदगी केगीत देते हैंटूट जाती हैंहदें सबदृष्टि में आकार रखना। और जिस दिनआँख सेये बिछड़ जाएँगेचिंदियों की तरहहम-तुमबिखर जाएँगेजानना चाहोअगर तोसामने इतिहास रखना।
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राजाजी के बाग में
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