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फसल

हल की तरहकुदाल की तरहया खुरपी की तरहपकड़ भी लूँ कलम तोफिर भी फसल काटनेमिलेगी नहीं हम को । हम तो ज़मीन ही तैयार कर पायेंगेक्रांतिबीज बोने कुछ बिरले ही आयेंगेहरा-भरा वही करेंगें मेरे श्रम कोसिलसिला मिलेगा आगे मेरे क्रम को । कल जो भी फसल उगेगी, लहलहाएगीमेरे ना रहने पर भीहवा से इठलाएगीतब मेरी […]