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सुरीली

सुरों की नन्हीं-नन्हीं, मीठी-मीठी, ऊँची-नीची लहरियाँ फिजाओं में तैर रहीं थीं। दस बरस की सुरीली अपने रियाज में तल्लीन थी। उसकी मीठी, सुरीली आवाज में डूबती-उतरती नेहा की आँखें नम हो गईं। आज रविवार था। आज बिना उसके उठाए ही सुरीली अलसुबह ही उठकर अपने संगीत के अभ्यास में मशगूल थी। ऐसे में नेहा की […]