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समय का सच | रविशंकर पांडेय

समय का सच | रविशंकर पांडेय समय का सच | रविशंकर पांडेय निथरे थिर पानी में दिखतासाफ समय का सच। क्या बतलाएँ स्वादकि कैसे –ये दिन बीते हैंमीठे कम खट्टे ज्यादाया एकदम तीते हैं,मुँह में भरी हुईहो जैसेतीखी लाल मिरच। बेलगाम बिगड़ैलसमय काअश्वारोही हैचोर उचक्कों के चंगुल मेंफँसा बटोही है,इनकी टेढ़ीचालों सेक्या कोई पाया बच। […]