पुनर्जन्म | रविंद्र आरोही

पुनर्जन्म | रविंद्र आरोही

पुनर्जन्म | रविंद्र आरोही – Punarjanm पुनर्जन्म | रविंद्र आरोही एक लेखक था। वह एक सुदूर इलाके के अपने एकांत में रहता था। आस-पास के लोग उसे एक लेखक नहीं, एक सुंदर आदमी की तरह जानते थे। छोटे कद काठी का गेहुँआ रंग था उसका। छोटी-छोटी आँखें थीं। पतले होंठ थे। वह ऐसा था कि … Read more

खाली दिनों में लोकबाबू की जंगलगाथा | रविंद्र आरोही

खाली दिनों में लोकबाबू की जंगलगाथा | रविंद्र आरोही

खाली दिनों में लोकबाबू की जंगलगाथा | रविंद्र आरोही – Khali Dinon Mein Lokababu Ki Jangalagatha खाली दिनों में लोकबाबू की जंगलगाथा | रविंद्र आरोही इधर के दिनों में यह कहानी कई तरह से शुरू हो सकती थी, पर जिस समय इस कहानी की महज एक ही शुरुआत थी तब खाली, सूनी, लंबी पगडंडियों पर … Read more

कथा में एक नदी बहती थी | रविंद्र आरोही

कथा में एक नदी बहती थी | रविंद्र आरोही

कथा में एक नदी बहती थी | रविंद्र आरोही – Katha Mein Ek Nadi Bahati Thi कथा में एक नदी बहती थी | रविंद्र आरोही कस्बे की छोर पर एक बहुत पुरानी नदी बहती थी। नदी इतनी पुरानी थी कि कथाओं में उसके बहने का जिक्र आता था। नदी इतनी पतली थी कि उसमें अब … Read more