यातनागृह, कैदी और अभिनय | राकेश रंजन यातनागृह, कैदी और अभिनय | राकेश रंजन वह एक यातनागृह थाजिसके सारे कैदीसामूहिक अभिनय कर रहे थेएक दुखांतक नाटक में सबकी अपनी-अपनी भूमिकाएँ थींएक राजा बना था, कुछेक मंत्री-संत्रीअनेकानेक सिपाही, सिपहसालारविदूषक, संत, अधिकारी, कहारकवि, कलाकारमुजरिम, फरियादी, काजी, जल्लाद… उनमें से ज्यादातर दर्शक बने थेजो हर अदा, हर संवाद […]
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महानगर में बकरी | राकेश रंजन
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मुझे क्षमा करें | राकेश रंजन
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बैल | राकेश रंजन
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नदी | राकेश रंजन
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तितली और कवि | राकेश रंजन
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जंगल और खरगोश | राकेश रंजन
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घिर रही है शाम | राकेश रंजन
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