रोशनी | राजा पुनियानी रोशनी | राजा पुनियानी उजाला ही है वहसब कह रहे हैं हाँ, वही तो उजाला हैउसी की तरह जो दिखता है उजालासब कह रहे हैं उजाले के नुकीले दाँतों में अटके हैंमांस के टुकड़ेवह बाँहों में विकास की गठरी दबा के लाया हैशासक की भाषा बोलता हैसारे गाँव, सारी बस्ती, सारे […]
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मन | राजा पुनियानी
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दरवाजा | राजा पुनियानी
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