पैरघंटी | पुरुषोत्तम अग्रवाल – Pairaghante पैरघंटी | पुरुषोत्तम अग्रवाल सत्यजित जी का स्वरूप बड़ी तेजी से बदल रहा था। अधीनस्थों, खासकर निचले तबकों से संबंधित अधीनस्थों की चमड़ी कोड़े की तरह उधेड़ने वाली उनकी जबान पुचकार पाने को व्याकुल, लप-लप करती जीभ में बदलती जा रही थी। जिस कंठ-स्वर को सिंह-गर्जना का मानव-संस्करण मान, […]
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नाकोहस | पुरुषोत्तम अग्रवाल
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