हिजड़े | प्रेमपाल शर्मा

हिजड़े | प्रेमपाल शर्मा

हिजड़े | प्रेमपाल शर्मा – Hijade हिजड़े | प्रेमपाल शर्मा इससे पहले कि कुछ अंदाज लगा पाता, सामने से पत्‍थर आया और तड़ाक से सामने वाले शीशे को तोड़ता हुआ ड्राइवर के माथे पर आकर लगा। सीट के चारों ओर काँच के टुकड़े बिखर गए और ड्राइवर के माथे पर खून की धार उभर आई। … Read more

श्रद्धांजलि | प्रेमपाल शर्मा

श्रद्धांजलि | प्रेमपाल शर्मा

श्रद्धांजलि | प्रेमपाल शर्मा – Shraddhanjali श्रद्धांजलि | प्रेमपाल शर्मा मैं उस पर कहानी लिखना चाहता था। कई वर्षों तक यह विचार मेरे अंदर चहलकदमी करता रहा कि बात कैसे आगे बढ़े। आँखों में आँखें डालकर उसकी आँखें बताना चाहती थीं अपनी कहानी। मुझे इतना भर पता था कि पड़ोस के चौधरी की सेवा के … Read more

यस सर | प्रेमपाल शर्मा

यस सर | प्रेमपाल शर्मा

यस सर | प्रेमपाल शर्मा – Yes Sir यस सर | प्रेमपाल शर्मा आखिरकार निर्णय हुआ कि मैं एक दिन पहले चला जाऊँ। बॉस अगले दिन पहुँचेंगे। एक दिन पहले इसलिए कि मैं कलकता पहुँचकर रेलवे के लीगल सैल में संपर्क करूँ। वकील का पता करके उससे मिलूँ और आवश्‍यक कागजात तैयार करके रखूँ। बॉस … Read more

मातम | प्रेमपाल शर्मा

मातम | प्रेमपाल शर्मा

मातम | प्रेमपाल शर्मा – Matam मातम | प्रेमपाल शर्मा रास्‍ते भर मेरे दिमाग में यह बात घूमती रही कि वहाँ पहुँचकर मुझे कैसा व्‍यवहार करना चाहिए। देबू की माँ की मौत को आज बीस दिन हो गए थे लेकिन मौत का सन्‍नाटा तो महीनों बना रहता है। घर में बिखरे झूठे बर्तन, रोते बच्‍चे, … Read more

भूकंप | प्रेमपाल शर्मा

भूकंप | प्रेमपाल शर्मा

भूकंप | प्रेमपाल शर्मा – Bhookamp भूकंप | प्रेमपाल शर्मा वह मेरा इतना गहरा दोस्‍त है कि मुझे लगातार यह भय बना रहता है कि मैं इस गहराई में अब डूबा कि तब। अब देखिए उसका फोन आया है कि मैं आना चाहता हूँ। ‘अभी?’ मैंने पूछा ‘तो और क्‍या’ उसका जवाब था। ‘ऐं… ऐं… … Read more

बचपन | प्रेमपाल शर्मा

बचपन | प्रेमपाल शर्मा

बचपन | प्रेमपाल शर्मा – Bachapan बचपन | प्रेमपाल शर्मा बंटी ने अभी कलम भी नहीं खोली होगी कि नीटू की आवाज खिड़की पर हाजिर थी – ‘बंटी भइया! क्या खा रहे हो?’ बंटी तुरंत खिड़की पर थे। बंटी ने होठों पर उँगली रखकर उसे चुप रहने का इशारा किया। ‘क्यों? बंटी भइया, ऐसा क्यों … Read more

पिज्जा और छेदीलाल | प्रेमपाल शर्मा

पिज्जा और छेदीलाल | प्रेमपाल शर्मा

पिज्जा और छेदीलाल | प्रेमपाल शर्मा – Pizza Aur Chedilal पिज्जा और छेदीलाल | प्रेमपाल शर्मा पता नहीं, कब छेदीलाल के दिमाग में पिज्‍जा चिपका कि लंदन जाकर जमकर पिज्‍जा खाएँगे। यदि हो सका तो रोज सिर्फ पिज्‍जा ही। चलते वक्‍त जब सभी ने बारी-बारी से कहा कि खाने-पीने का ध्‍यान रखना तो वह बड़ी … Read more

परीक्षा | प्रेमपाल शर्मा

परीक्षा | प्रेमपाल शर्मा

परीक्षा | प्रेमपाल शर्मा – Pareeksha परीक्षा | प्रेमपाल शर्मा मम्‍मी बंटी को संस्‍कृत पढ़ा रही हैं – ‘जगद्गुरु शंकराचार्य।’ ‘जगद्गुरु कैसे हो सकते हैं? सातवीं सदी में क्‍या हम अमेरिका जा सकते थे? इंग्‍लैंड जा सकते थे? तब तो अमेरिका की खोज भी नहीं हुई थी।’ बंटी पढ़ाई शुरू होते ही अड़ जाते हैं। … Read more

दाँत | प्रेमपाल शर्मा

दाँत | प्रेमपाल शर्मा

दाँत | प्रेमपाल शर्मा – Daant दाँत | प्रेमपाल शर्मा आप उनसे कभी भी मिलिए, एक बात ‎निश्चित है कि वे देखते ही फक्क से हॅंस देंगी। आप उन्हें जानते हों या नहीं, यह हॅंसी आपमें दिलचस्पी पैदा कर सकती है। वैसे उनको वैसा ही देखता आ रहा हूँ, जैसा पंद्रह साल पहले देखा था। … Read more

तीसरी चिट्ठी | प्रेमपाल शर्मा

तीसरी चिट्ठी | प्रेमपाल शर्मा

तीसरी चिट्ठी | प्रेमपाल शर्मा – Tisari Chitthi तीसरी चिट्ठी | प्रेमपाल शर्मा आज उसका दूसरा पत्र आया है। एकदम वही बातें। बल्कि कुछ और विस्‍तार में, याचना से और अधिक लदी हुई। इसके अलावा – ‘आप पत्र का जवाब तो अवश्‍य ही शीघ्रातिशीघ्र दें। पिताजी तो स्‍वयं जाने को कह रहे हैं पर उनकी … Read more