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हमने दुर्गा बनते देखा | प्रदीप शुक्ल

हमने दुर्गा बनते देखा | प्रदीप शुक्ल हमने दुर्गा बनते देखा | प्रदीप शुक्ल कई बारघर में अम्मा कोहमने दुर्गा बनते देखा यों तो घर केहर निर्णय मेंउनकी सहमति ही रहती थीबड़े बड़े झगड़ों में भी वोअक्सर ही बस चुप रहती थींबच्चों केभविष्य को लेकरहमने उन्हें बिफरते देखा वत्सलता तोऐसी जब तबघंटों बछिया को दुलराएँकभी […]