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शिकंजा | नीला प्रसाद

शिकंजा | नीला प्रसाद – Shikanja शिकंजा | नीला प्रसाद उन्हें टाटा करते अपने अंदर उठ रहे भावों ने असहज कर दिया। एक तो सही-गलत, नैतिकता-अनैतिकता का इक्वेशन हल नहीं हो पा रहा था, दूसरा कन्फ्यूजन अपने अंदर की कसक का था। मैं असुरक्षित और कन्फ्यूज्ड-सी क्यों महसूस कर रही थी आखिर? क्या यह कोई […]