Posted inPoems

हिस्से में | मिथिलेश कुमार राय

हिस्से में | मिथिलेश कुमार राय हिस्से में | मिथिलेश कुमार राय इन्हें रंग धूप ने दिया हैऔर गंध पसीने से मिली है इन्हें यूँ तो धूप ने चाहा थासबको रँग देना अपने रंग में इच्छा थी पसीने की भीडुबो डालने की अपनी गंध में सबको मगर सब ये नहीं थेकुछ ने धूप को देखा […]