हँसी | मनोज कुमार पांडेय

हँसी | मनोज कुमार पांडेय

हँसी | मनोज कुमार पांडेय – Hansee हँसी | मनोज कुमार पांडेय व्हाई दिस कोलावरी कोलावरी डी… व्हाई दिस कोलावरी कोलावरी डी… क्या कहूँ… देश का दुर्भाग्य कि हमें नया राष्ट्रगान मिलते मिलते रह गया…। इस गाने को अगर किसी धनुष की बजाय उसके ससुर रजनीकांत ने गाया होता तो पक्की बात है कि अब … Read more

सोने का सुअर | मनोज कुमार पांडेय

सोने का सुअर | मनोज कुमार पांडेय

सोने का सुअर | मनोज कुमार पांडेय – Sone Ka Suar सोने का सुअर | मनोज कुमार पांडेय चंदू बहुत खुश हैं। बापू मामा के यहाँ से लौट कर आए हैं और अभी उन्होंने अम्माँ से कहा कि कक्षा आठ से आगे की पढ़ाई के लिए चंदू का मामा के यहाँ रह कर पढ़ना तय … Read more

सफर में | मनोज कुमार पांडेय

सफर में | मनोज कुमार पांडेय

सफर में | मनोज कुमार पांडेय – Saphar Mein सफर में | मनोज कुमार पांडेय सफर में हूँ। दिन किस तरह गुजर गया पता ही नहीं चला। दिन भर ताश का खेल जमा। बीच बीच में चाय और सिगरेट चलती रही। मेरे पास सिगरेट था और सुजॉय दा की थर्मस में चाय। दोपहर के समय … Read more

शहतूत | मनोज कुमार पांडेय

शहतूत | मनोज कुमार पांडेय

शहतूत | मनोज कुमार पांडेय – Shahatut शहतूत | मनोज कुमार पांडेय तुम्हारे पास बहुत सारी स्मृतियाँ हैं। तुम स्मृतियों में सिर से पैर तक डूबे हुए हो पर ये स्मृतियाँ तुमने खोज-खोज कर इकट्ठा की हैं सो तुम नहीं जानते कि इनमें से कितनी चीजें वास्तव में तुम्हारे साथ घटी थीं और कितनी दूसरों … Read more

लकड़ी का साँप | मनोज कुमार पांडेय

लकड़ी का साँप | मनोज कुमार पांडेय

लकड़ी का साँप | मनोज कुमार पांडेय – Lakadi Ka Saanp लकड़ी का साँप | मनोज कुमार पांडेय शीर्षक देख कर शायद आप अंदाजा लगाएँ कि यह कहानी साँप के बारे में है। अगर आप ऐसा कोई अंदाजा लगाएँगे तो शर्तिया गलत साबित होंगे। मैं इतने यकीन से यह बात इसलिए नहीं कह रहा हूँ … Read more

यात्रा | मनोज कुमार पांडेय

यात्रा | मनोज कुमार पांडेय

यात्रा | मनोज कुमार पांडेय – Yatra यात्रा | मनोज कुमार पांडेय क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपको नींद में जाने से इसलिए डर लगे कि नींद में जाते ही आपका यथार्थ नींद नहीं सपना हो जाए। कुछ ऐसे सपने जिनकी लगाम दूर-दूर तक आपके हाथों में नहीं होती बल्कि आपकी अपनी … Read more

मोह | मनोज कुमार पांडेय

मोह | मनोज कुमार पांडेय

मोह | मनोज कुमार पांडेय – Moh मोह | मनोज कुमार पांडेय चुटकी भर जहर यह अचूक जहर था जिसे गौरीनाथ ने खुद ही तैयार किया था। एक ऐसा जहर जिसका सफल प्रयोग अपने जीवन में वह कई बार कर चुके थे। किसी को अंदाजा भी नहीं लगना था कि उनकी यह मृत्यु स्वाभाविक मृत्यु … Read more

बेहया | मनोज कुमार पांडेय

बेहया | मनोज कुमार पांडेय

बेहया | मनोज कुमार पांडेय – Behaya बेहया | मनोज कुमार पांडेय इधर बहुत दिनों बाद गाँव लौटा हूँ। मेरे लिए गाँव आने का मतलब है अपने बचपन में लौटना। बचपन, जहाँ अम्मा हैं, बाबू हैं, दीदी हैं, घर के बगल की गड़ही है, गड़ही में बेहया की हरी-भरी झाड़ी, झाड़ी किनारे डंडा लिए खड़ी … Read more

बूढ़ा जो शायद कभी था ही नहीं | मनोज कुमार पांडेय

बूढ़ा जो शायद कभी था ही नहीं | मनोज कुमार पांडेय – Budha Jo Shayad Kabhi Tha Hi Nahi बूढ़ा जो शायद कभी था ही नहीं | मनोज कुमार पांडेय एक बूढ़ा था जो शायद कभी था ही नहीं। उसकी उम्र कितनी थी कोई नहीं जानता था। इतिहास की किताबों में उसका जिक्र किस्सों में … Read more

पानी | मनोज कुमार पांडेय

पानी | मनोज कुमार पांडेय

पानी | मनोज कुमार पांडेय – Pani पानी | मनोज कुमार पांडेय इस छत पर शरण लिए हुए हमें आज पाँचवाँ दिन है। हम जो इस गाँव के थोड़े-से बचे हुए लोग हैं – उन लोगों में से जो गाँव छोड़ कर भाग गए – जो भूख-प्यास से मर गए – जो बीमारियों की चपेट … Read more