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वसंत | मणि मोहन

वसंत | मणि मोहन वसंत | मणि मोहन उसके हाथों छनते-बिनतेराई के कुछ दानेआखिर लुढ़क ही जाते हैंइधर-उधरऔर उग आते हैं… हर बारघर के आँगन मेंकुछ इस तरहआ ही जाता हैवसंत।