राग मारवा | ममता सिंह

राग मारवा | ममता सिंह

राग मारवा | ममता सिंह – Rag Marva राग मारवा | ममता सिंह जिंदगी किसी मुफलिस की कबा तो नहीं कि जिसमें हर घड़ी दर्द के पैबंद लगे जाते हैं – फैज पारुल की खुशी छलक-छलक पड़ रही है। उसका मन आसमान में उड़ा जा रहा है। रूई के फाहों सरीखे बादल उसके ऊपर से उड़ … Read more

जनरल टिकिट | ममता सिंह

जनरल टिकिट | ममता सिंह

जनरल टिकिट | ममता सिंह – General Ticket जनरल टिकिट | ममता सिंह आज अचानक ठंड बढ़ गई है। गुनगुनी, नरम धूप बदन को सहला रही है। दिव्या अपनी नोटबुक और किताब लेकर हॉस्टल का बरामदा पार करती हुई लॉन में आ गई है। लॉन के किनारे-किनारे की घास अभी भी गीली है। क्यारियों में … Read more

आवाज में पड़ गईं दरारें | ममता सिंह

आवाज में पड़ गईं दरारें | ममता सिंह

आवाज में पड़ गईं दरारें | ममता सिंह – Aavaj Mein Pad Geen Dararen आवाज में पड़ गईं दरारें | ममता सिंह सच के पीछे भी एक सच होता है। मन की भीतरी सतह में एक दुनिया होती है। ‘तुम बहता हुआ पानी हो, मैं ठहरी हुई झील …।’ तेज रोशनी की ओर भागते हुए … Read more

आखिरी कॉन्ट्रैक्ट | ममता सिंह

आखिरी कॉन्ट्रैक्ट | ममता सिंह

आखिरी कॉन्ट्रैक्ट | ममता सिंह – Aakhiri Contract आखिरी कॉन्ट्रैक्ट | ममता सिंह कहते हैं इंतजार मीठा होता है, लेकिन यदि पूरी जिंदगी इंतजार बन जाए तो…यही सवाल बार-बार दस्तक दे रहा था कि मैंने झपटकर अपने दिल का कपाट बंद कर दिया, पर कहाँ। बंद करने की कोशिश में दिल की दीवार के भीतर … Read more