सामान की जाति नहीं होती | लीना मल्होत्रा राव

सामान की जाति नहीं होती | लीना मल्होत्रा राव

सामान की जाति नहीं होती | लीना मल्होत्रा राव सामान की जाति नहीं होती | लीना मल्होत्रा राव गाड़ी में सवारी करते समयमैं यात्रियों से अधिक उनके सामान पर ध्यान देती हूँ संदूक थैलेब्रांडेड बैग्स, रकसैकजिप खराब वाले बैगरस्सी या कभी कभी नाड़े से बाँध दिए गए उनके मुँह। मुझे यात्रियों से अधिक अच्छे लगते … Read more

हँसती हुई लड़कियाँ | लीना मल्होत्रा राव

हँसती हुई लड़कियाँ | लीना मल्होत्रा राव

हँसती हुई लड़कियाँ | लीना मल्होत्रा राव हँसती हुई लड़कियाँ | लीना मल्होत्रा राव अँधेरे में हँस रही हैं दो लड़कियाँ अवसाद को दूर ठेलती हँस रही हैं अपने हाथ से मुँह को ढके वह उस हँसी को रोकने की कोशिश कर रही हैं। मगर हँसी है कि फिसलती चली आ रही है उनके होंठो से हाथों के द्वारों की झीनी दरारों … Read more

सप्तपदी | लीना मल्होत्रा राव

सप्तपदी | लीना मल्होत्रा राव

सप्तपदी | लीना मल्होत्रा राव सप्तपदी | लीना मल्होत्रा राव तुम्हारे पास सिगरेट थी मेरे पास सूरज दोनों ही सप्तपदी में शामिल न थे फिर ऐसा क्यों हुआ जब मैंने सूरज धो पोंछ चमका कर फलक पर रखा धरती गाढ़े धुएँ से भर गई क्या तुम्हारी सिगरेट मेरे सूरज से जलती थी ?

स्त्री | लीना मल्होत्रा राव

स्त्री | लीना मल्होत्रा राव

स्त्री | लीना मल्होत्रा राव स्त्री | लीना मल्होत्रा राव क्यों नहीं रख कर गई तुम घर पर ही देहक्या दफ्तर के लिए दिमाग काफी नहीं था बच्चे को स्कूल छोड़ने के लिए क्या पर्याप्त न थी वह उँगली जिसे वह पकड़े था अधिक से अधिक अपना कंधा भेज देती जिस पर टँगा सकती उसका बस्ता … Read more

शिकारी | लीना मल्होत्रा राव

शिकारी | लीना मल्होत्रा राव

शिकारी | लीना मल्होत्रा राव शिकारी | लीना मल्होत्रा राव महत्वाकांक्षाओं की चिड़िया औरत की मुंडेर पर आ बैठी है दम साध शिकारी ने तान ली है बंदूक निशाने पर है चिड़िया अगर निशाना चूक गया तो औरत मरेगी !

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विज्ञापन | लीना मल्होत्रा राव विज्ञापन | लीना मल्होत्रा राव उतरती है एक पगडंडी, टीवी से मेरे ड्राइंग रूम तक फिर उतरते हैं रंग-बिरंगी पोशाकों वाले कुछ बच्चे उनके हाथों में पिज्जा के डिब्बे और कोक की बोतलें होती हैं मेरे बच्चे उनके पिज्जा को देख कर मचलते हैं और मुझे सारा खाना वापिस फ्रिज में ठूँसना पड़ता है डोमिनोस या … Read more

वह बहुत देर से सच की तरह कड़क बैठी रही | लीना मल्होत्रा राव

वह बहुत देर से सच की तरह कड़क बैठी रही | लीना मल्होत्रा राव

वह बहुत देर से सच की तरह कड़क बैठी रही | लीना मल्होत्रा राव वह बहुत देर से सच की तरह कड़क बैठी रही | लीना मल्होत्रा राव वह बहुत देर से सच की तरह कड़क बैठी रही अंत मे टूट कर रो पड़ी फिर अंत के बाद भी उसने कुछ जवाब दिया पर वह बदजुबान कहकर जूते से … Read more

वह | लीना मल्होत्रा राव

वह | लीना मल्होत्रा राव

वह | लीना मल्होत्रा राव वह | लीना मल्होत्रा राव वह अपने अधनंगे फूले पेट वाले बच्चे को उठाए मेरी कविता की पंक्तियों में चली आई और भूख के बिंब की तरह बैठ गई मैं जब भी कविता खोलती उसके आजू बाजू में बैठे शब्द मक्खियों की तरह उस पर भिनभिनाने लगते जिन्हें हाथ हिलाकर वह यदा कदा उड़ा देती। उस … Read more

रिक्त | लीना मल्होत्रा राव

रिक्त | लीना मल्होत्रा राव

रिक्त | लीना मल्होत्रा राव रिक्त | लीना मल्होत्रा राव तुमने दिया ही नहीं कभी कोई फूल नहीं तो मैं भी रखती पंखुड़ियाँ किताबों में सम्हाल सम्हाल कर

युद्ध | लीना मल्होत्रा राव

युद्ध | लीना मल्होत्रा राव

युद्ध | लीना मल्होत्रा राव युद्ध | लीना मल्होत्रा राव मैं युद्ध के बारे में कुछ नहीं जानती जब मेरा जन्म हुआ, तब युद्ध खत्म हो चुका था माँ बताती थी कि मेरी बहन, जो उस समय दो वर्ष की थी चिल्ला कर रो पड़ती थी जब भयंकर गर्जना करते हुए लड़ाकू विमान हमारी छत के दो हाथ ऊपर से गुजरते … Read more