सिंहवाहिनी | कविता – Sinhavahini सिंहवाहिनी | कविता वह एक श्यामलवर्णी क्रमशः अधेड़ावस्था की ओर अग्रसर स्त्री थी और वे एक गौरवर्ण अधेड़ पुरुष। उसकी उम्र चालीस के आसपास और वे पचपन के करीब-करीब। चौंकिए नहीं, उम्र के इस अंतर पर तो कदापि नहीं। ऐसी शादियाँ उस समय के समाज में सामान्य ही मानी जाती […]
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लौट आना ली | कविता
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मध्यवर्ती प्रदेश | कविता
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बावड़ी | कविता
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पत्थर, माटी, दूब… | कविता
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नदी जो अब भी बहती है | कविता
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