भंगुर | कमलेश भंगुर | कमलेश मुट्ठी में लें इसेमींड़ेंगूँथेमरोड़ेंलोई बनाएँ।लंबाएँगोलाएँहथेली में दबाएँ। साँचे में ढालेंकोने,किनारेतार से काटें।चाक पर रखेंसुथारें सुचारेंसँवारेंदेवें आकारसुखाएँपकाएँरोगन लगाएँ।हाथ में लेंउलट-पलटसहलाएँपोसाएँचुमचुमाएँ सब कुछ करेंसँभालें इसेयह टूटे नहींयह भंगुर हैयह जीवन है।
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