टेलीफोन पर बहन | हरप्रीत कौर

टेलीफोन पर बहन | हरप्रीत कौर

टेलीफोन पर बहन | हरप्रीत कौर टेलीफोन पर बहन | हरप्रीत कौर कहती है‘एक बात कह रही हूँघबराना मतघर में तो सब ठीक हैपर हाँ किसी की तार, चिट्ठी, टेलीफोन पा करडरना नहींएक उम्र के बाद तोजाना ही है सबकोकोई पहले भी चला जाएतो भी डरना नहींहौसला रखनाहाँ हो सके तो कुछ दिनघर आ जानामाँ … Read more

औरत | हरप्रीत कौर

औरत | हरप्रीत कौर

औरत | हरप्रीत कौर औरत | हरप्रीत कौर खाविंद के लिएएक पहर काराँधते-राँधतेखुशबू से भर जाता है पेटखाविंद जोदूसरे पहर तकपहले पहर का स्वाद भूल जाता है

एक स्त्री का गीत | हरप्रीत कौर

एक स्त्री का गीत | हरप्रीत कौर

एक स्त्री का गीत | हरप्रीत कौर एक स्त्री का गीत | हरप्रीत कौर वह जंगल गई है‘इतनी रात गएक्या अकेले ही चली गई?’‘नहींढिबरी की रोशनी में गई है’कब लौटेगी‘जब गा लेगी’एकांत में क्या गाएगीएक स्त्री भला?’कुछ भी जो जन्मेगागाने के लिए जरूरी हैउसका यों जंगल जाना?क्या वह यों ही नहीं गा सकती?जैसे चलते फिरते … Read more

उदास लड़की | हरप्रीत कौर

उदास लड़की | हरप्रीत कौर

उदास लड़की | हरप्रीत कौर उदास लड़की | हरप्रीत कौर दुख उसेकोई नहींबसधूप में बैठ करसोचती है चिड़िया की तरहउड़ रहे दिनों के बारे मेंऔरउदास हो जाती है 

इस शहर के बारे में | हरप्रीत कौर

इस शहर के बारे में | हरप्रीत कौर

इस शहर के बारे में | हरप्रीत कौर इस शहर के बारे में | हरप्रीत कौर तुम कुछ कहोइस शहर के बारे मेंमैं जानता हूँतुम कुछ नहीं कहोगीकहो ‘कि गर्मी बहुत है’कहो ‘कि हमें अब जाना चाहिए’कहो ‘कि…कुछ भी कहोजो कह सकोइस शहर के बारे मेंजानना चाहता हूँ तुम्हारे विचारलिखनी हैं बहुत सी कविताएँलड़कियों के … Read more