क्या साल पिछला दे गया | हरिवंशराय बच्चन क्या साल पिछला दे गया | हरिवंशराय बच्चन कुछ देर मैं पथ पर ठहर, अपने दृगों को फेरकर, लेखा लगा लूँ काल का जब साल आने को नया! क्या साल पिछला दे गया? चिंता, जलन, पीड़ा वहीजो नित्य जीवन में रही,नव रूप में मैंने सही,पर हो असह्य […]
Harivansh Rai Bachchan
Posted inPoems
मधुशाला | हरिवंशराय बच्चन
Posted inPoems
कवि की वासना | हरिवंशराय बच्चन
Posted inPoems
साजन आए, सावन आया | हरिवंशराय बच्चन
Posted inPoems
संवेदना | हरिवंशराय बच्चन
Posted inPoems