भूल ही जाएँगे | हरिओम राजोरिया

भूल ही जाएँगे | हरिओम राजोरिया

भूल ही जाएँगे | हरिओम राजोरिया भूल ही जाएँगे | हरिओम राजोरिया भूल ही जाएँगे एक दिनटिमटिमाते तारों के बीचखिलखिलाकर हँसते चाँद कोकाली रात की आँखों सेरुक-रुककर रिसते आँसुओं को ओर बर्फीली हवाओं के बीचदूर तक फैले घने अंधकार कोभूलना ही पड़ेगा आखिरअपने दुर्दिनों में हुए अपमानों कोऔर राख के नीचेदिपदिपाते हुए लाल अंगार कोएक … Read more

प्रेम का अनुपात | हरिओम राजोरिया

प्रेम का अनुपात | हरिओम राजोरिया

प्रेम का अनुपात | हरिओम राजोरिया प्रेम का अनुपात | हरिओम राजोरिया मैं जब कह रहा होता हूँतुम मेरी बात को समझोइसका अर्थ ही यह होता हैतुम मेरी बात मान जाओ पर तुम हठ करती होबात नहीं माननी होती तोचुप बनी रहती होतुम्हारा अचूक हथियार है चुप्पीमैं तुम्हे शब्दों से दबोचता हूँतुम मुझे अपनी चुप्पी … Read more

सद्भावना मैच | हरिओम राजोरिया

सद्भावना मैच | हरिओम राजोरिया

सद्भावना मैच | हरिओम राजोरिया सद्भावना मैच | हरिओम राजोरिया गणतंत्र दिवस, पत्रकार एकादश,सद्भावना, क्रिकेट और प्रशासन एकादश ऊपर दिए शब्दों और शब्द बंधों कोठीक तरह से पढ़ने की कोशिश कीजिएयह एक खेल हैजैसे लुका-छिपी एक खेल होता हैएक थुलथुल पुलिस का दारोगाजब गेंद की तरफ लुढ़कता हुआ जाता हैजिलाधीश होंठ दबाकर मुस्कराता हैफूड इंस्पेक्टर … Read more

काला पत्थर | हरिओम राजोरिया

काला पत्थर | हरिओम राजोरिया

काला पत्थर | हरिओम राजोरिया काला पत्थर | हरिओम राजोरिया एक सूरत ढल गई काले पत्थर मेंगल्ला मंडी चौराहे पर आकरजम गई एक काली मूरतअब अनाज से लदी बैलगाड़ियाँचौराहे को उनके पिता के नाम से जानेंगी फूलों के हारों से लदे कैलाशवासी पितातनकर बैठे हैं नक्कासीदार सिंहासन परदेहात से आए किसानजैसे काँख में दबाए रहते … Read more

स्कूली बच्चों के लिए अनुदेश | हरिओम राजोरिया

स्कूली बच्चों के लिए अनुदेश | हरिओम राजोरिया

स्कूली बच्चों के लिए अनुदेश | हरिओम राजोरिया स्कूली बच्चों के लिए अनुदेश | हरिओम राजोरिया एक सब बच्चे हिल मिल कर रहेंसब बच्चे एक साथ बढ़ेंकदम से कदम मिलाएँपढ़ने से पहलेप्रार्थनाएँ करना सीखेंगारंटी में रहेंगारंटी से पढ़ेंगारंटी से मिला नाज खाएँअन्नदान महादान हैभिक्षा लेने से पहलेभिक्षामंत्र बुदबुदाएँअपनी नाक खुद ही पोछेंयदि संभव हो सके … Read more

सड़कें | हरिओम राजोरिया

सड़कें | हरिओम राजोरिया

सड़कें | हरिओम राजोरिया सड़कें | हरिओम राजोरिया खर्चे हैं कि बढ़ते ही जा रहे हैंखेतिहर चूहामार दवा खा रहे हैंपर ये हैं कि बनती ही जाती हैं लगातारदिनोंदिन आ रही हैं गाँवों के पासजो देश रोटी पैदा करने वालों कोरोटी नहीं दे पाया कभी ठीक सेचमचमाती सड़कें दे रहा है उपहार में कई दशक … Read more

पिता | हरिओम राजोरिया

पिता | हरिओम राजोरिया

पिता | हरिओम राजोरिया पिता | हरिओम राजोरिया वे घर से भाग रहे हैंया कि कर रहे हैं भागने का अभिनयखूँटी पर टँगा है उनका झोलाऔर वे जूते पहिन रहे हैंउनके चले जाने का भय डरा रहा हैमैं उनका कुर्ता खींच रहा हूँऔर वे छुड़ा रहे हैं मेरा हाथ वे कर्ज से नहीं भागे कभीआपदाओं … Read more

दीपावली | हरिओम राजोरिया

दीपावली | हरिओम राजोरिया

दीपावली | हरिओम राजोरिया दीपावली | हरिओम राजोरिया एक दीये बेच रहा है कोईकोई बेच रहा है लक्ष्मीजी के पटजो रूई के डले गले में लटकाए हैंउनकी चीखो-पुकार सेहिल गई है छोटी बजरिआमाटी की रंगीन गुजरिएँ सड़क पर सजाएउकड़ूँ बैठे हैं कुम्हराने के लड़केपत्थर फोड़ा पटाकों के ठेलेगुजर रहे हैं इन्हें ठेलते हुएडंडियों पर लटकती … Read more

दुर्गा | हरिओम राजोरिया

दुर्गा | हरिओम राजोरिया

दुर्गा | हरिओम राजोरिया दुर्गा | हरिओम राजोरिया एक आवाज दूसरी आवाज को दबा रही हैएक शोर दब रहा है दूसरे शोर के नीचेजय-जयकारों सू गूँज रही हैं दिशाएँभीड़ से अट गई हैं बदहाल सड़केंउठ रहे हैं धूल के बवंडरऔर जगह-जगह जगमग-जगमग करतीगली-गली में विहँस रही है दुर्गा । एक दुर्गा भीमकायलाल-लाल आँखें लिएकस्बे के … Read more