भूल ही जाएँगे | हरिओम राजोरिया भूल ही जाएँगे | हरिओम राजोरिया भूल ही जाएँगे एक दिनटिमटिमाते तारों के बीचखिलखिलाकर हँसते चाँद कोकाली रात की आँखों सेरुक-रुककर रिसते आँसुओं को ओर बर्फीली हवाओं के बीचदूर तक फैले घने अंधकार कोभूलना ही पड़ेगा आखिरअपने दुर्दिनों में हुए अपमानों कोऔर राख के नीचेदिपदिपाते हुए लाल अंगार कोएक […]
Tag: Hariom Rajoriya
Posted inPoems
प्रेम का अनुपात | हरिओम राजोरिया
Posted inPoems
सद्भावना मैच | हरिओम राजोरिया
Posted inPoems
काला पत्थर | हरिओम राजोरिया
Posted inPoems
सड़कें | हरिओम राजोरिया
Posted inPoems
पिता | हरिओम राजोरिया
Posted inPoems
दीपावली | हरिओम राजोरिया
Posted inPoems