धुआँ | गुलजार

धुआँ | गुलजार

धुआँ | गुलजार – Dhuaan धुआँ | गुलजार बात सुलगी तो बहुत धीरे से थी, लेकिन देखते ही देखते पूरे कस्बे में ‘धुआँ’ भर गया। चौधरी की मौत सुबह चार बजे हुई थी। सात बजे तक चौधराइन ने रो-धो कर होश सम्भाले और सबसे पहले मुल्ला खैरूद्दीन को बुलाया और नौकर को सख़्त ताकीद की … Read more

तक़सीम | गुलजार

तक़सीम | गुलजार

तक़सीम | गुलजार – Taqaseem तक़सीम | गुलजार जिन्दगी कभी-कभी जख्मी चीते की तरह छलाँग लगाती दौड़ती है, और जगह जगह अपने पंजों के निशान छोड़ती जाती है। जरा इन निशानों को एक लकीर से जोड़ के देखिए तो कैसी अजीब तहरीर बनती है। चौरासी-पिचासी (84-85) की बात है जब कोई एक साहब मुझे अमृतसर … Read more