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हेलेन | दिनेश कुशवाह

हेलेन | दिनेश कुशवाह हेलेन | दिनेश कुशवाह हँसना कोई हँसी-ठट्ठा नहीं है क्या आप बता सकते हैं अपनी जिंदगी में कितनी बार हँसे होंगे ईसा मसीह? ठट्ठा नहीं है थिरकना भी या तो बलइया लेती हैं या विद्रोह करती है देह की एक-एक बोटी। मैंने उसे कभी खड़े या लेटे हुए नहीं देखा समुद्र का एक उत्ताल नर्तन आता था लहराते हुए और लौट जाता था सामने […]