रौखड़ | दिनेश कर्नाटक

रौखड़ | दिनेश कर्नाटक

रौखड़ | दिनेश कर्नाटक – Raukhad रौखड़ | दिनेश कर्नाटक ज्यादा समय नहीं बीता, जब देवकोट में लोगों को आपस में बात करते हुए देखा जाता था। लोग अब मोबाइल में बात करना पसंद करने लगे थे। रही सही कसर ऊँची आवाज में चिंघाड़ रहे टेपों और चैबीसों घंटे चलने वाले टीवी ने पूरी कर … Read more

मैकाले का जिन्न | दिनेश कर्नाटक

मैकाले का जिन्न | दिनेश कर्नाटक

मैकाले का जिन्न | दिनेश कर्नाटक – Maikale Ka Jin मैकाले का जिन्न | दिनेश कर्नाटक वे एक-दो नहीं पूरे छह थे। अब्बास, विलाल, अमर, मोहन, नक्षे, पान सिंह! पढ़ार्इ-लिखार्इ को छोड़कर बाकी सब कामों में उस्ताद! कक्षा में भूले-भटके ही नजर आते थे। होशियार इतने कि लगातार दस दिन गोल होने से पहले कक्षा … Read more

काली कुमाऊँ का शेरदा | दिनेश कर्नाटक

काली कुमाऊँ का शेरदा | दिनेश कर्नाटक

काली कुमाऊँ का शेरदा | दिनेश कर्नाटक – Kali Kumaoon Ka Sherada काली कुमाऊँ का शेरदा | दिनेश कर्नाटक यह पिछले कुछ दिनों जैसा उदास और रूखा-सूखा दिन था। बारिश न होने के कारण मौसम खुश्क हो चला था। जनवरी का महीना ढलान पर था, लेकिन अभी से धूप में बैठना मुश्किल होता जा रहा … Read more

कहाँ हो मुमताज? | दिनेश कर्नाटक

कहाँ हो मुमताज? | दिनेश कर्नाटक

कहाँ हो मुमताज? | दिनेश कर्नाटक – Kaha Ho Mumtaz कहाँ हो मुमताज? | दिनेश कर्नाटक राजन वर्षों बाद उस से मिलने आया था। उसका चेहरा, उसकी आँखें और उमंग से भरी आवाज, उसकी खुशी को बयान कर रहे थे। गाँव से जाने के बाद वह एक बार पहले भी उससे मिलने आया था। पुराने … Read more

क्या अब भी हँस पाएगा जगुवा? | दिनेश कर्नाटक

क्या अब भी हँस पाएगा जगुवा? | दिनेश कर्नाटक

क्या अब भी हँस पाएगा जगुवा? | दिनेश कर्नाटक – Kya Ab Bhee Hans Paega Jaguva क्या अब भी हँस पाएगा जगुवा? | दिनेश कर्नाटक जगुवा धनुष से छूटे बाण की तरह बस अड्डे की ओर जा रहा था। उसे गाँव जाने वाली अंतिम बस को पकड़ना था। यह एक दिन की बात नहीं थी। … Read more

कैद में किताबें | दिनेश कर्नाटक

कैद में किताबें | दिनेश कर्नाटक

कैद में किताबें | दिनेश कर्नाटक – Kaid Mein Kitaben कैद में किताबें | दिनेश कर्नाटक चौकीदार ने जब उसे प्रश्नकुल निगाहों के साथ कुछ खोजते हुए पाया तो पास आकर पूछने लगा – ‘किसे ढूँढ़ रहे हो साहब? किस से मिलना है?’ ‘यहाँ जिला पुस्तकालय की शाखा है?’ उसने सहमते हुए पूछा। ‘हाँ, है … Read more

एक मूँछप्रेमी का कबूलनामा | दिनेश कर्नाटक

एक मूँछप्रेमी का कबूलनामा | दिनेश कर्नाटक

एक मूँछप्रेमी का कबूलनामा | दिनेश कर्नाटक – Ek Monchhapremi Ka Kabulanama एक मूँछप्रेमी का कबूलनामा | दिनेश कर्नाटक कल्पना कीजिए, आपकी शादी को वर्षों बीत चुके हों। आप दोनों के बीच का प्रेम बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, नौकरी की आपाधापी, घर के राशन-पानी और मँहगाई के बीच कहीं गुम चुका हो! तभी एक दिन सुबह-सुबह … Read more

ऊँचाई | दिनेश कर्नाटक

ऊँचाई | दिनेश कर्नाटक

ऊँचाई | दिनेश कर्नाटक – Onchaee ऊँचाई | दिनेश कर्नाटक थकान की वजह से पहले तो देर रात तक नींद नहीं आई। और जब नींद आई तो सुबह-सुबह घंटियों और कुत्ते के भौंकने की आवाज से चैंककर उठने पर ‘कहाँ हूँ,’ ‘किस हाल में हूँ’ कुछ समझ में नहीं आया था। बाहर अँधेरा था, जिसे … Read more