साँप के सुभाव | धरीक्षण मिश्र साँप के सुभाव | धरीक्षण मिश्र वोट ना मिले त ई चैन से न बइठें कहींओट बिना आठो घरी घूमते देखाले सन् ।वोट मिलि जाला त ढेर-ढेर दिन तक लेचुपचाप जाके कहीं परि के औंघाले सन् ।दोसरा के बिल जोहि जोहि के गुजर करेंपास कइ के ओही में अपने […]
Tag: Dharikshan Mishra
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शिव जी के खेती | धरीक्षण मिश्र
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बारह प्रकार के बिआह | धरीक्षण मिश्र
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बुद्धि के बढ़ती | धरीक्षण मिश्र
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