हमको भी आता है | देवेंद्र कुमार बंगाली हमको भी आता है | देवेंद्र कुमार बंगाली पर्वत के सीने से झरता हैझरना…हमको भी आता हैभीड़ से गुजरना। कुछ पत्थरकुछ रोड़ेकुद हंसों के जोड़ेनींदों के घाट लगेकब दरियाई घोड़ेमैना की पाँखें हैंबच्चों की आँखें हैंप्यार है नींद, मगर शर्तहै, उबरना। गूँगी हैबहरी हैकाठ की गिलहरी हैआड़ […]
Tag: Devendra Kumar Bengali
Posted inPoems
सोच रहा हूँ | देवेंद्र कुमार बंगाली
Posted inPoems
सारा दिन | देवेंद्र कुमार बंगाली
Posted inPoems
माई | देवेंद्र कुमार बंगाली
Posted inPoems