हादसा | चंद्रकांत देवताले हादसा | चंद्रकांत देवताले मुझे सात नवंबर को मरना थामैं चार दिन पहले ही मारा गया मैं अपने घर में मराझूठ और मक्कारी आदमी को कहीं भी दबोच सकती हैमैं पी रहा था तभी मेरी हत्या की कार्रवाईशुरू हो गई थी जिससे मैं बेखबर था छुट्टी के दिन जब खुशी को […]
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बाई दरद ले! | चंद्रकांत देवताले
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