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खुले पंजोंवाली चील | बलराम अग्रवाल

खुले पंजोंवाली चील | बलराम अग्रवाल – Khule Panjonvali Cheel खुले पंजोंवाली चील | बलराम अग्रवाल दोनों आमने-सामने बैठे थे – काले शीशों का परदा आँखों पर डाले बूढ़ा और मुँह में सिगार दबाए, होठों के दाएँ खखोड़ से फुक-फुक धुँआ फेंकता फ्रेंचकट युवा। चेहरे पर अगर सफेद दाढ़ी चस्पाँ कर दी जाती और चश्मे […]