शब्द लड़ते हैं | अश्वघोष शब्द लड़ते हैं | अश्वघोष चुप्पियों केइक बसेरे में,शब्द लड़ते हैं अँधेरे में। बोझ है सिर पर तनावों का,दिख रहा चेहरा अभावों काकब तलकबैठे विचारे चुप,दर्द के सुनसान डेरे मेंशब्द लड़ते हैं अँधेरे में। उम्र से पहले हुए जर्जर,वक्त ने सब काट डाले परहो गई खुशियाँनदारद अब,झुर्रियाँ हैं सिर्फ चेहरे […]
Ashvaghosha
Posted inPoems
विश्वग्राम के गलियारों से | अश्वघोष
Posted inPoems
लिख रहे हम | अश्वघोष
Posted inPoems
मौसम इतने सर्द हो गए | अश्वघोष
Posted inPoems
भीड़ भरे इन बाजारों में | अश्वघोष
Posted inPoems
जिंदगी के पृष्ठ खोलो | अश्वघोष
Posted inPoems
गंध गायब है | अश्वघोष
Posted inPoems
किसको बाँटे | अश्वघोष
Posted inPoems
काम न आए दियासलाई | अश्वघोष
Posted inPoems