हरे रंग का खरगोश | अशोक गुप्ता – Hare Rang Ka Khargosh हरे रंग का खरगोश | अशोक गुप्ता मैं प्रभूनाथ की बगीची से पैदल पैदल वापस लौट रहा था। मैंने वहाँ करीब ढाई घंटे बिताये थे। यहाँ आते समय मैं जितना झुँझलाया हुआ और अपने आप पर खीझ में था, वापसी में मैं उतना […]
Tag: Ashok Gupta
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शोक वंचिता | अशोक गुप्ता
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शताब्दी | अशोक गुप्ता
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राग चिरंतन भोर वितान | अशोक गुप्ता
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कोई तो सुनेगा | अशोक गुप्ता
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