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स्मार्ट-सिटी | अनवर सुहैल

स्मार्ट-सिटी | अनवर सुहैल स्मार्ट-सिटी | अनवर सुहैल ये जगह जो अभी योजनाओं और नीतियों में ले रही आकार जिस पर झूम रही सरकार घात लगाए है विश्व-व्यापी व्यापार और तुम हो कितने गंवार तुम जैसों के कारण ही नहीं हो पा रही स्मार्ट-सिटी साकार… सोच रहे योजनाकार कैसे हो उनका स्वप्न साकार एक ऐसा शहर जहाँ नहीं हो पंक्ति का आखिरी आदमी वही तो गंधाता है […]