हाजी कुल्फीवाला | अमृतलाल नागर
हाजी कुल्फीवाला | अमृतलाल नागर – Haji Kulfivala हाजी कुल्फीवाला | अमृतलाल नागर जागता है खुदा और सोता है आलम। कि रिश्ते में किस्सा है निंदिया का बालम।। ये किस्सा है सादा नहीं है कमाल।। न लफ्जों में जादू बयाँ में जमाल।। सुनी कह रहा हूँ न देखा है हाल।। … Read more