हाजी कुल्फीवाला | अमृतलाल नागर

हाजी कुल्फीवाला | अमृतलाल नागर

हाजी कुल्फीवाला | अमृतलाल नागर – Haji Kulfivala हाजी कुल्फीवाला | अमृतलाल नागर जागता है खुदा और सोता है आलम।    कि रिश्‍ते में किस्‍सा है निंदिया का बालम।।    ये किस्सा है सादा नहीं है कमाल।।    न लफ्जों में जादू बयाँ में जमाल।।    सुनी कह रहा हूँ न देखा है हाल।।    … Read more

सिकंदर हार गया | अमृतलाल नागर

सिकंदर हार गया | अमृतलाल नागर

सिकंदर हार गया | अमृतलाल नागर – Sikandar Har Gaya सिकंदर हार गया | अमृतलाल नागर अपने जमाने से जीवनलाल का अनोखा संबंध था। जमाना उनका दोस्‍त और दुश्‍मन एक साथ था। उनका बड़े से बड़ा निंदक एक जगह पर उनकी प्रशंसा करने के लिए बाध्‍य था और दूसरी ओर उन पर अपनी जान निसार … Read more

पाँचवाँ दस्ता | अमृतलाल नागर

पाँचवाँ दस्ता | अमृतलाल नागर

पाँचवाँ दस्ता | अमृतलाल नागर – Pachava Dasta पाँचवाँ दस्ता | अमृतलाल नागर सिमरौली गाँव के लिए उस दिन दुनिया की सबसे बड़ी खबर यह थी कि संझा बेला जंडैल साब आएँगे। सिमरौली में जंडैल साहब की ससुराल है। वहाँ के हर जोड़ीदार ब्राह्मण किसान को सुखराम मिसिर के सिर चढ़ती चौगुनी माया देख-देखकर अपनी … Read more

प्रायश्चित | अमृतलाल नागर

प्रायश्चित | अमृतलाल नागर

प्रायश्चित | अमृतलाल नागर – Prayachita प्रायश्चित | अमृतलाल नागर जीवन वाटिका का वसंत, विचारों का अंधड़, भूलों का पर्वत, और ठोकरों का समूह है यौवन। इसी अवस्था में मनुष्य त्यागी, सदाचारी, देश-भक्त एवं समाज-भक्त भी बनते हैं, तथा अपने खून के जोश में वह काम कर दिखाते हैं, जिससे कि उनका नाम संसार के … Read more

धर्म संकट | अमृतलाल नागर

धर्म संकट | अमृतलाल नागर

धर्म संकट | अमृतलाल नागर – Dharma Sankat धर्म संकट | अमृतलाल नागर शाम का समय था, हम लोग प्रदेश, देश और विश्‍व की राजनीति पर लंबी चर्चा करने के बाद उस विषय से ऊब चुके थे। चाय बड़े मौके से आई, लेकिन उस ताजगी का सुख हम ठीक तरह से उठा भी न पाए … Read more

दो आस्थाएँ | अमृतलाल नागर

दो आस्थाएँ | अमृतलाल नागर

दो आस्थाएँ | अमृतलाल नागर – Do Asthaye दो आस्थाएँ | अमृतलाल नागर अरी कहाँ हो? इंदर की बहुरिया! – कहते हुए आँगन पार कर पंडित देवधर की घरवाली सँकरे, अँधेरे, टूटे हुए जीने की ओर बढ़ीं। इंदर की बहू ऊपर कमरे में बैठी बच्‍चे का झबला सी रही थी। मशीन रोककर बोली – आओ, … Read more