दो औरतें | एमोस ओज

दो औरतें | एमोस ओज

दो औरतें | एमोस ओज – Do Avrate दो औरतें | एमोस ओज अलस्सुबह – सूरज उगने से पहले – झाड़ियों में कबूतरों की गुटर गूँ उसकी खुली खिड़की से सुनाई देने लगी थीं। उनकी यह अटूट और स्थिर आवाज उसको अच्छी लगती थी। चीड़ के ऊँचे दरख्तों की फुनगी को छूती हुई मंद हवा … Read more