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सिर्फ किसी देवदूत का हाथ | आल्दा मेरीनी

सिर्फ किसी देवदूत का हाथ | आल्दा मेरीनी सिर्फ किसी देवदूत का हाथ | आल्दा मेरीनी सिर्फ किसी देवदूत का हाथजो स्वयं में, खुद के प्यार में बेदाग हो,पेश कर सकता थामेरे लिए अपनी खुली हथेलीमेरे रुदन को उसमें उलटते हुए।जिंदा आदमी का हाथआज और कल के धागों में बहुत उलझा हुआ है,जीवन और जीवन […]