एक देर शाम | अजय नवरिया – Ek Der Shyam एक देर शाम | अजय नवरिया सूरज बुझने लगा था, जैसे दिये में तेल कम होने पर लौ मद्धिम हो जाती है। दूर पेड़ों के झुरमुट के पीछे सूरज उतरता चला था। उजाले की परछाई धीरे-धीरे फैलती जा रही थी। लेकिन उधर … उस तरफ […]
एक देर शाम | अजय नवरिया – Ek Der Shyam एक देर शाम | अजय नवरिया सूरज बुझने लगा था, जैसे दिये में तेल कम होने पर लौ मद्धिम हो जाती है। दूर पेड़ों के झुरमुट के पीछे सूरज उतरता चला था। उजाले की परछाई धीरे-धीरे फैलती जा रही थी। लेकिन उधर … उस तरफ […]