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महावटों की एक रात | अहमद अली

महावटों की एक रात | अहमद अली – Mahavato Ki Yek rat महावटों की एक रात | अहमद अली ग ड़-गड़-गड़-ड़…इलाही खैर। मालूम होता है आसमान टूट पड़ेगा। कहीं छत तो नहीं गिर रही है? गड़-ड़-ड़ इसके साथ ही टूटे हुए किवाड़ों की झिर्रियां एक तड़पती हुई रौशनी से चमक उठीं। हवा के एक तेज झोंके […]