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जीना तो पड़ेगा | अब्दुल बिस्मिल्लाह

जीना तो पड़ेगा | अब्दुल बिस्मिल्लाह – Jina To Padega जीना तो पड़ेगा | अब्दुल बिस्मिल्लाह जून की चिलचिलाती हुई गर्मी और धुर दुपहरी का समय। दुहरे बदन और मझोले कद का एक आदमी ढीली मोहरी का सफेद-झक़ पैजामा और ढीला-ढाला कुर्ता पहने, हाथ में कापी-पेन्सिल लिए गाँव भर में घूम रहा था। वह घर […]