स्मृति | प्रमोद कुमार तिवारी
स्मृति | प्रमोद कुमार तिवारी
आत्मा में धँसी है
तुम्हारी खामोश निगाह
जो करक उठती है
स्मृतियों की हल्की हवा से।
स्मृति | प्रमोद कुमार तिवारी
आत्मा में धँसी है
तुम्हारी खामोश निगाह
जो करक उठती है
स्मृतियों की हल्की हवा से।