अगर किसी वृक्ष मेंना कंद – ना मूलना फल – ना फूलऔर न छाया फिर भी वेजीते हैं अपनी मृत्युअपना जन्मईंधन बनकरकिसी की रोटी के लिएसबकी रोशनी के लिए