प्रेम-पत्र | प्रतिभा कटियारी
प्रेम-पत्र | प्रतिभा कटियारी

प्रेम-पत्र | प्रतिभा कटियारी

प्रेम-पत्र | प्रतिभा कटियारी

प्रेम-पत्रों में रोशनी होती है
और एक गहन अँधेरा भी
चमकती हुई पीड़ा होती है
तो पपड़ाए होंठो पर रखी
मुस्कान भी
अठखेलियाँ होती हैं कहीं
तो उबासियाँ लेती है गहन उदासी भी
सहराओं में साहिलों की तलाश
होती है प्रेम पत्रों में
और चाँद तारों को ठुकरा देने की
चाह भी कम नहीं होती
पड़ोसी की बातें खूब विस्तार से
सहेली के किस्से भी पूरे प्यार से
सहेली के प्रेमी का ज्योग्राफिया
और उसका विश्लेषण पूरा
हाँ, बस अपना ही किस्सा अधूरा…
लिखी होती है
देर रात बिल्लियों की रोती हुई
आवाजों में लिपटी दुखद
आगत की आशंका
साथ ही देश के हालात की चिंता भी
नई दुनिया बनाने का सपना होता है
तो ख्वाब
किसी की दुनिया बन जाने का भी
वो जो खबर थी न अखबार में
प्रेमियों की हत्या वाली
उससे दहल भी गया है प्रेम-पत्र
ताकीद है पढ़कर फाड़ देने की
वादा एक-दूसरे का नाम भी न लेने का
हिदायत अपना ख्याल रखने की
और भूल जाने की उन आँखों को
जिन्हें देखे जमाना हुआ…
दूर देश के मौसम को टटोलते हुए
खींचकर उसे ओढ़ लेने की हसरत
नहीं लिखी है प्रेम-पत्र में
बचपन के किस्सों में न जाने कब
जुड़ गया था तुम्हारा भी हिस्सा
रह गया यह जिक्र आते-आते
आँखों में न जाने क्यों
सीलन सी रहती है इन दिनों
बड़े दिन हुए मन की मरम्मत कराए
लिखते-लिखते रुक गए थे हाथ
काँपते हाथों ने बस इतना लिखा था
वो लगाया था न जो पौधा पिछले महीने
तुम्हें लिखा था, जिसके बारे में
आज फूल आया है उसमें…
लिखा है प्रेम-पत्र में यह भी
सुनो, आज सपने में
मैंने चट्टान को रोते देखा
देखा लोहे को पिघलते हुए
बंदूक की मुहाने पर
एक फूल रखा देखा
बंजर जमीन पर अश्कों को
लहलहाते देखा…
लिखा है प्रेम-पत्र में कि
इन दिनों कलेजा छलनी नहीं होता
किसी तलवार से
न जाने कैसे छूट गया लिखना कि
मेरे दुख को मत छूना
वर्ना कट जाएगा तुम्हारा हाथ
प्रेम-पत्रों में लिखा होता है सब कुछ
बस नहीं लिखा होता है प्रेम
क्योंकि प्रेम लिखने से पहले
एक मौन की नदी गुजरती है
और बहा ले जाती है समूचा पत्र
लौट आते हैं प्रेमी अपनी ही दुनिया में
जुट जाते हैं कोशिश में
खुद के खाँचे में फिट होने की…
अधूरे ही रह जाते हैं प्रेम-पत्र अक्सर
जैसे अधूरी रह जाती हैं प्रेम की दास्तानें…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *