प्रणय | ए अरविंदाक्षन प्रणय | ए अरविंदाक्षन प्रणयजल प्रवाह जैसामुझे प्रलोभित कर रहा हैमैं प्रणय में हूँमैं जल में हूँमैं जल प्रवाह में हूँअब बहना ही हैजल की तरहअहोरात्रिअनुस्यूति।