पेड़
पेड़

जैसे पेड़ मरता नहीं 
मर-मर कर जीवित हो उठता है 
जमीन पर गिरे हुए अपने बीजों में 
उसी तरह मैं भी बार-बार मरना चाहता हूँ 
नई जमीन में नये सिरे से उगने के लिए 
मैं जानता हूँ कि मृत्यु का 
सामना करके ही मैं 
जीवित रह सकता हूँ हमेशा

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *