पग-पग पर हर पल | रास बिहारी पांडेय
पग-पग पर हर पल | रास बिहारी पांडेय

पग-पग पर हर पल | रास बिहारी पांडेय

पग-पग पर हर पल | रास बिहारी पांडेय

पग-पग पर हर पल
मन को समझाना पड़ता है
अपनी शर्तों पर जीने का
मोल चुकाना पड़ता है।

गांधी और भगत सिंह दोनों
अमर हुए इतिहास में
अपने अपने तर्क थे
दोनों के अपने विश्वास में
किन पृष्ठों में नाम लिखाना
लक्ष्य बनाना पड़ता है।

अनुबंधों वाले जीवन में
अपनी बात कहोगे क्या
पिंजर में यदि पंख रहें तो
आसमान में उड़ोगे क्या
परबस होकर जिह्वा
तोताराम बनाना पड़ता है।

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