नमक
नमक

था तो चुटकी भर ज्यादा
लेकिन पूरे स्वाद पर उसी का असर है
सरी मेहनत पर पानी फिर गया

अब तो जीभ भी इंकार कर रही है
उसे नहीं चाहिए ऐसा स्वाद जो
उसी को गलाने की कोशिश करे

गलती नमक की भी नहीं है
उसने तो यही जताया है कि
चुटकी भर नमक क्या कर सकता है।
तुम रोशनी

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