तुम आए तोमन का उपवनमहक गया। उड़ने लगींतितलियाँ सुख की,खिले कमलपाकर तुम्हेंथिरकता रहतामन चंचलप्रेम-गंध पामुग्ध भ्रमर-मनबहक गया। कुछ खुशबू,कुछ रंग प्यार के,गए बरससारा जीवनमधुमय होकरहुआ सरससुर्ख गुलाबखिला चेहरे परदहक गया