माँ1
माँ1

कई थे गाड़ी में
लेकिन पता नहीं मेरी नजर
उस पर ही क्यों पड़ी
थी तो वह इक्कीस-बाईस साल की
मगर साथ थीं तीन बच्चियाँ
एक चार साल की, दूसरी दो या तीन साल की
और एक को कमर के सहारे उठाई हुई थी
जानती भी नहीं थी कि
कैसे रोती बच्ची को शांत किया जाए

छाती से छिपक कर बच्ची माँ को देख रही थी
जैसा कि कुछ माँग रही हो
मेरी नजर थोड़ी देर कहीं और लगी
दुबारा जब मैंने उसे देखा तो
उसे किसी ने बैठने की जगह दी थी
अपने सहयात्रियों की आँखों के सामने
हिचकिचाते हुए बच्ची को दूध पिला रही थी
बच्ची माँ को ऐसे पकड़ी थी
कि कहीं छूट न जाए
बीच में कभी साँस लेती थी, कभी
माँ के चेहरे को नोचती थी

मैं हैरान ही रहा
कि वह भी एक माँ है!
अपने बचपन में ही तीन बच्चों की माँ
खुद खेलने की इस उम्र में
अपनी बच्चियों को खिलाती-पिलाती है!
उन आँखों में बाल-सहज लालित्य नहीं,
भूख की पीड़ा थी
आखिर वह भी एक माँ है।

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